तारीख
□ आज
नाटक
की प्राक्टीस नहीं थी।जल्दी
घर पहूँची।
□ घर
का दृश्य देखकर स्तब्ध रह गई।
□ मोहल्ले
की अधिकाँश महिलाएँ घर में।
□ महिलाओं
का मेला जैसा लगा। कमरे में
पूजा-पाठ
कर रहा था,
एक
साधु।बुआ की संतान-प्राप्ति
के लिए।कैसी विडंबना है ?
□ संतान-प्राप्ति
के लिए पूजा -पाठ
!
मेरे
लिए यह सह्य नहीं था।सूधा के
भैया श्रीकांत को बुलवाया।फिर
क्या था.........
□ बहूत
मजाक की बात हुई। ढोंगी साधु
जान लेकर भागे।भैया ने उसके
बास पकड़ने की कोशिश की।
□ बाबाजी
की जटा भैया के हाथ में ..।
बहूत
मज़ा आया।
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