Saturday, October 27, 2012


रपट
बाबा का पोल खुल गया
मुंबई : रेश्मा नामक एक बालिका ने अपने विवेक से उसकी बुआ को कपट बाबा से बचाया । रेश्मा की बुआ पंद्रह साल से नि: संतान थी।पुत्र-प्राप्ति की लालसा देकर नगर के प्रसिद्ध साधु बाबा ने उसे अपने जाल में फँसाया।बीस हज़ार रुपए और सोना अनुष्ठान के लिए माँगे थे।कल दूपहर को रेश्मा ने अपनी सहेली सुधा को फोन पर बुलाया।सुधा का भाई श्रीकाँत अपने साथी के साथ वहाँ पहूँचे ।श्रीकाँत को देखकर बाबा अपनी दूकान समेटने लगा। श्रीकाँत का का साथी बाबा की जटा खींचने लगा तो जटा उसके हाथ में आ गई।

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