रेश्मा
ने अपनी खास सहेली सुधा को फोण
किया और सारी बातें एक साँस
में कह दी।फोण में रेश्मा और
सुधा की बातचित कलपना करके
लिखें।
सुधा
-
नमस्ते,
मैं
सुधा,कौन
बोल रहे हैं ?
रेश्मा
-
मैं
रेश्मा ।
सुधा
-
हाय
,
रेश्मा
तुम ?
क्या
बात है री.....
रेश्मा
-
सुधा,अब
खुशहाल पूछने का वक्त नहीं
है।मैं बड़ी मुसीबत में पड़
गई हुँ।
सुधा
-
क्या
…?
मुसीबत
में ?
घबराओ
नहीं।बोलो ।
रेश्मा
-
मेरी
बुआ ….उसे
तुम जानती हो न ?
वह
माँ बनने की इच्छा में अनुष्ठान
करवा रही है।घर में महिलाओं
की भीड़ जमी है।
सुधा
-
पुत्र-प्राप्ति
के लिए अनुष्ठान …?
कौन
है वह सिद्ध पुरूष?
रेश्मा
-
उसे
तुम भली-भांति
जानती हो ।नागर के वह सादु-बाबा।
सुधा
-
ओह
!
मोहिनी
बाबा !
बुआ
उसके जाल में फँस गई क्या ?
रेश्मा
-
हाँ
किसी न किसी तरह उनसे बुआ की
रक्षा कीजिए।
सुधा
-
तुम
घबराओ मत यार । मैं श्रीकाँत
भैया को को अभी भेज रही हुँ।
रेश्मा
-अच्छा
,जल्दी
भेजना । बाद मैं बुलाऊँ ।...
सुधा
-
ठीक
है।
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